Thursday, October 24, 2019

मन की क्यारी में

मन की क्यारी में 
आज एक सवाल 
कुछ यूँ अंकुरित हुआ, 
था सवाल ये
या कोई मन की कल्पना,
जो धीमी-धीमी गति से
मन के समंदर में 
गोते लगा
कोई बवंडर का 
संकेत दे रहा था
सुलझें फंदों को 
कहीं उलझा रहा था
 मन की क्यारी में 
आज एक सवाल 
कुछ यूँ अंकुरित हुआ...!


    डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया

मनुष्यता - मैथिलीशरण गुप्त

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