"भारत की ग्रामीण समस्याएँ"
भारत को विश्वस्तर पर विकासशील देश माना जाता है| भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है| बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भारत में अपना स्थान बना रही है |
`डिजिटल इंडिया´ की बात तो चर्चाओं में है| ट्रेन का स्थान मेट्रो और बसों की जगह इलेक्ट्रिक बस ने ले ली है| हाल फिलाल का उदाहरण ऑनलाइन शिक्षा को ही ले लीजिए| इस महामारी के दौर में शहरों के विकसित होने के कारण बच्चों की शिक्षा मे रूकावट नहीं आई |
पर अभी भी भारत की ग्रामीण क्षेत्रों की हालत वैसी ही है | शहरों के होते हुए विकास ने ग्रामीण क्षेत्रों को अपने नीचे दबा दिया है| जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्र में विकास की किरण बहुत ही मुश्किल से पहुंचती है| ग्रामीण लोगों का रुझान से शहरों की तरफ बढ़ते जाता है जैसे कि एक सूरजमुखी का रुझान सूरज को ओर होता है|
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक समस्याएं हैं शिक्षा के अभाव से लेकर नौकरी के अभाव तक |बच्चों को चाहते हुए भी उनके हक की शिक्षा प्राप्त नहीं हो रही |गांव में लोगों के पास बिजली नहीं होती इलेक्ट्रिक बस तो सोच के परे हैं| गांव में आज भी वही पुरानी जिंदगी चल रही है बस गति और कम हो चुकी है| ग्रामीण क्षेत्र में मेडिकल सर्विस की समस्या सबसे बड़ी और भयानक है| गांव के लोगों का मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी से वास्ता ही नहीं | नौकरी के अभाव के कारण गांव के लोग अपने परिवार से दूर पेट भरने का उपाय ढूंढने जाते हैं |मूई पेट के लिए उन्हें पलायन करना ही पड़ता है |
किसानों की हालत तो सबसे बुरी है| जिस वर्ष फसल अच्छी होती है उस वर्ष उसकी कीमत कम मिलती है और अगर फसल खराब निकले तो कीमत की बात ही नहीं आती| किसान हर ओर से घुन की तरह पिस रहे हैं| ग्रामीण हिस्सों में विकास की रेलगाड़ी बहुत धीमी गति से चल रही है| शहर और गाँव को `सड़क´ नामक कड़ी जोड़ती है जिसका अभाव गाँव में हर जगह दिखाई देता है| इस अभाव के कारण शहर से चली हुई विकास की गाड़ी गाँव तक पहुँच नहीं पाती है | गाँव में लोगों को परिवहन के लिए जूझना पड़ता है| सफर करते वक्त उनको SUFFER°° करना पड़ता है| ऐसे अनेकों समस्याएं हैं ग्रामीण क्षेत्र में |
भारत का ग्रामीण क्षेत्र उसकी रीढ़ की हड्डी है जो दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है| इसे मजबूत करने की जिम्मेदारी हमारी है | अगर नीव ( गाँव ) मजबूत होगा तो मकान (देश) की मजबूती पक्की है |
खुशी सिंह
कक्षा -12th
CHRIST ACADEMY JR.COLLEGE, NAVI MUMBAI