Wednesday, February 10, 2021

भारत की ग्रामीण समस्याएँ

 

"भारत की ग्रामीण समस्याएँ"  

     भारत को  विश्वस्तर  पर विकासशील देश माना जाता है| भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है| बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भारत में अपना स्थान बना रही है |

 `डिजिटल इंडिया´ की बात तो चर्चाओं में है| ट्रेन का स्थान मेट्रो और  बसों  की जगह इलेक्ट्रिक  बस  ने ले ली है| हाल फिलाल का उदाहरण ऑनलाइन शिक्षा को ही ले लीजिए| इस महामारी के दौर में शहरों के विकसित होने के कारण बच्चों की शिक्षा  मे रूकावट नहीं आई |

     पर अभी भी भारत की ग्रामीण क्षेत्रों की हालत  वैसी  ही है | शहरों के होते हुए विकास ने ग्रामीण क्षेत्रों को अपने नीचे दबा दिया है| जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्र में विकास की किरण बहुत ही मुश्किल से पहुंचती है| ग्रामीण लोगों का रुझान से शहरों की तरफ बढ़ते जाता है जैसे कि एक सूरजमुखी का रुझान सूरज को ओर  होता है| 

      भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक समस्याएं हैं  शिक्षा के अभाव से लेकर नौकरी के अभाव तक |बच्चों को चाहते हुए भी उनके हक की शिक्षा प्राप्त नहीं हो रही |गांव में लोगों के पास बिजली नहीं होती इलेक्ट्रिक बस   तो  सोच के परे हैं| गांव में आज भी वही पुरानी जिंदगी चल रही है बस गति और कम हो चुकी है| ग्रामीण क्षेत्र में मेडिकल सर्विस  की समस्या सबसे बड़ी और भयानक है| गांव के लोगों का  मॉडर्न  मेडिकल  टेक्नोलॉजी से वास्ता ही नहीं |  नौकरी के अभाव के कारण गांव के लोग अपने परिवार से दूर पेट भरने का उपाय ढूंढने जाते हैं  |मूई पेट के लिए उन्हें पलायन करना ही पड़ता है |

 किसानों की हालत तो सबसे बुरी है| जिस वर्ष फसल अच्छी होती है  उस  वर्ष  उसकी कीमत कम मिलती है और अगर फसल खराब निकले तो कीमत की बात ही नहीं आती| किसान हर ओर से घुन की तरह पिस रहे हैं| ग्रामीण हिस्सों में विकास की रेलगाड़ी बहुत धीमी गति से चल रही है|  शहर और गाँव को `सड़क´ नामक कड़ी जोड़ती है  जिसका अभाव गाँव में हर जगह दिखाई देता है|  इस अभाव के कारण शहर से चली हुई विकास की गाड़ी गाँव  तक पहुँच नहीं पाती है |  गाँव में लोगों को परिवहन के लिए जूझना पड़ता है|  सफर करते वक्त उनको SUFFER°°  करना पड़ता है| ऐसे अनेकों समस्याएं हैं ग्रामीण क्षेत्र में |

     भारत का ग्रामीण क्षेत्र उसकी रीढ़ की हड्डी है जो दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है| इसे मजबूत करने की जिम्मेदारी हमारी है | अगर नीव ( गाँव ) मजबूत होगा तो मकान (देश) की मजबूती पक्की है |


                            खुशी सिंह

                          कक्षा -12th

                       CHRIST ACADEMY JR.COLLEGE, NAVI MUMBAI

मनुष्यता - मैथिलीशरण गुप्त

    मनुष्यता                                               -  मैथिलीशरण गुप्त  विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी¸ मरो परन्तु यों मरो...