समय सरिणी की आवश्यकता
संसार
में मनुष्य का आना और जीवन के प्रत्येक क्षण को जीने की सीमित अवधि होती है ।
धीरे-धीरे समय बीतता है और मनुष्य अपनी जीवन लीला के किरदार को निभाता चलता
है और एक निश्चित समय के उपरांत शरीर से
प्राण त्याग देता है । कहने का तात्पर्य है कि जन्म और मृत्यु के बीच के सफर का
समय निश्चित है, जोकि ईश्वर द्वारा तय किया गया है । हम सभी
जानते है कि जीवन का एक-एक पल बहुमूल्य है, उसे व्यर्थ नहीं
जाने देना चाहिए । जीवन को सफल और सार्थक बनाने के लिए हमारे जीवन में सबसे
महत्त्वपूर्ण है समय सरिणी। समय सरिणी होने से हम अपनी दिनचर्या और प्रत्येक कार्य
से परिचित रहते हैं, जिससे हम सभी कार्य समय पर पूर्ण हो कर
सकते हैं और जीवन के प्रत्येक पल का सदुपयोग कर सकते हैं । समय और लहरें किसी की
प्रतीक्षा नहीं करती । बीता हुआ समय लौटकर नहीं आता है । जो व्यक्ति समय की कद्र
नहीं करता, समय उसकी कद्र नहीं करता । समय ने बड़े-बड़ों को
मिट्टी में मिला दिया है । इसलिए मनुष्य के महत्त्व को समझना चाहिए ।
- डॉ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया