मात्र एक वाक्य से जाने कारक परसर्ग/ विभक्तियाँ
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Sunday, August 16, 2020
कारक और उसकी विभक्तियाँ / परसर्ग
https://youtu.be/pRWXtwglIaE
जो क्रिया की उत्पत्ति में सहायक हो अथवा किसी शब्द का क्रिया से संबंध बताए, उसे कारक कहते हैं । जैसे :-
संज्ञा क्रिया
कारक |
कारक की विभक्तियाँ / परसर्ग |
1. कर्ता कारक |
o / ने / से / के द्वारा |
|
|
2. कर्म कारक |
o / को |
3. करण कारक |
से (माध्यम / साधन / सहित) |
4. संप्रदान कारक |
के लिए |
5. अपादान कारक |
से (अलगाव) |
6. संबंध कारक |
का, के, की, रा, रे, री, ना, ने, नी |
7. अधिकरण कारक |
में, पर |
8. संबोधन कारक |
अरे, अजी, हे, हो |
1. कर्ता कारक : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया (कार्य) करने वाले का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहते हैं ।
( परसर्ग चिह्न – शून्य, ने, )
जैसे :-
2. कर्म कारक : जिस व्यक्ति या वस्तु पर क्रिया का प्रभाव
पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं ।
(परसर्ग चिह्न – शून्य, को)
जैसे :-
3. करण कारक : संज्ञा का जो रूप क्रिया (कार्य) का साधन हों, उसे
करण कारक कहते हैं । (परसर्ग चिह्न – से)
जैसे :-
4. संप्रदान कारक : वाक्य की क्रिया जिसके लिए की जा रही है, उसे संप्रदान कारक कहते हैं । संप्रदान का अर्थ होता है –देना ।
(परसर्ग चिह्न – के लिए)
जैसे :-
5. अपादान कारक : संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु के दूर हटने या अलग होने का बोध हो, उसे अपादान कारक कहते हैं। (परसर्ग चिह्न – से)
जैसे :-
6. संबंध कारक : जहाँ संज्ञा या सर्वनाम का संबंध किसी दूसरे संज्ञा या
सर्वनाम के साथ बताया जाता है, उसे संबंध कारक
कहते हैं । (परसर्ग चिह्न – का,के,की, रा,रे,री)
जैसे :-
7. अधिकरण कारक : वाक्य में क्रिया जिस स्थान अथवा समय पर घटित होती है उस स्थान अथवा समय का आधार बनाने वाली संज्ञा को अधिकरण कारक कहते हैं । (परसर्ग चिह्न – में, पर)
जैसे :
1. मेज पर पानी का गिलास और पुस्तक रखी है ।
2. टोकरी में फल रखे हैं ।
3. हमारे शहर में एक कवि हैं ।
4. कुछ योजनाओं पर अमल भी हो रहा है ।
8. संबोधन कारक : जब वाक्य में संज्ञा को पुकारा या उसका ध्यान आकर्षित किया जाता है, उसे संबोधन कारक कहते हैं ।
(परसर्ग चिह्न – अरे, रे, ओ आदि )
जैसे :
कारक और विभक्तियाँ याद करने का तरीका
कर्ता ने
कर्म को
करण से
संप्रदान के लिए
अपादान से
अधिकरण में,पर
संबंध का, के, की, रा, रे, री
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