Saturday, April 25, 2020

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (व्याकरण)





अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
हिन्दी व्याकरण में कुछ शब्द ऐसे है जिन्हें सम्पूर्ण वाक्य अथवा शब्द समूह के स्थान पर प्रयोग किया जाता है । अनेक शब्दों के स्थान पर अकेले ही प्रयुक्त होने वाले इन्हीं शब्दों को अनेक शब्दों के लिए एक शब्द अथवा वाक्यांश के लिए एक शब्द कहते हैं। ऐसे शब्दों का प्रयोग कर हम भाषा को प्रभावी एवं रोचक बनाते हैं ।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण :
अनेक शब्द
एक शब्द
अनेक शब्द
एक शब्द
जो बहुत जनता हो
बहुज्ञ
जो थोड़ा जनता हों
अल्पज्ञ
जिसमें बल हो
सबल
जिसमें कम बल हो
निर्बल
रोज होने वाला
दैनिक
मास में एक बार होने वाला
मासिक
वर्ष में एक बार होने वाला
वार्षिक
पंद्रह दिन में एक बार होने वाला
पाक्षिक
सप्ताह में एक बार होने वाला
साप्ताहिक
जो अब हो रहा हो
आधुनिक
जिसका दोष न हो
निर्दोष
जानवरों को चराने वाला
चरवाह
जिसकी सीमा न हो
असीम
जो किसी का पक्ष न ले
निष्पक्ष
जिसका कोई शत्रु न हो
अजातशत्रु
तीन नदियों का समूह
त्रिवेणी
चार पैरों वाला
चौपाया /चारपाई
पति-पत्नी का जोड़ा
दंपती
जिस स्त्री का पति जीवित हो
सधवा
जिस स्त्री का पति जीवित न हो
विधवा
जिसे पाना आसान हो
सुलभ
जिसे पाना मुश्किल हो
दुर्लभ
जानने की इच्छा रखने वाला
जिज्ञासु
जो देखने योग्य हो
दर्शनीय
जिसके माता-पिता हों
सनाथ
जो पढ़ने योग्य हो
पठनीय
जिसके माता-पिता न हों
अनाथ
जो गाना गाती हो
गायिका
जिसमें शर्म न हो
बेशर्म
जो गाना गाता हो
गायक
काम से जी चुराने वाला
कामचोर
जिसमें रस न हो
नीरस
मांस खाने वाला
मांसाहारी
विज्ञान से संबंध रखने वाला
वैज्ञानिक
काम करने वाला
कर्मठ
समाज से संबंध रखने वाला
सामाजिक
गाँव में रहने वाला
ग्रामीण
इतिहास से संबंध रखने वाला
ऐतिहासिक
शहर में रहने वाला
शहरी
समाज –सेवा करने वाला
समाज सेवक
किए उपकार को मानने वाला
कृतज्ञ
किए उपकार को न मानने  वाला
कृतघ्न
जो कविता लिखती हो
कवयित्री
जो कविता लिखता हो
कवि 
शरण में आया हुआ
शरणागत
जंगल में रहने वाला
जंगली
अत्याचार करने वाला
अत्याचारी
जल में रहने वाला
जलचर
भाषण देने वाला
वक्ता
भाषण सुनने  वाला
श्रोता
ईश्वर में आस्था रखने वाला
आस्तिक
ईश्वर पर विश्वास न रखने वाला
नास्तिक
जिसके नीचे रेखा हो
रेखांकित
शिक्षा पाने वाला
शिष्य
शिक्षा देने वाला
शिक्षक
शिक्षा पाने वाली
शिष्या
जहाँ जाना कठिन हो
दुर्गम
जो कभी बूढ़ा न हो
अजर
जो मधुर बोलता हो
मृदुभाषी
जो कभी न मारे
अमर
जो बोलता न हो
मूक
जिसका दोष हो
दोषी
जो कम बोलता हो
अल्पभाषी
जो बहुत बोलता हो
वाचाल
वह स्थान जहां मनुष्य न हो
निर्जन
आकाश में घूमने वाले
नभचर
संसद का सदस्य
सांसद
जो आँखों के सामने हो 
प्रत्यक्ष
जो मांस न खाता हों
शाकाहारी
जो कुछ भी न जनता हो
अज्ञ
जिसके आने की तिथि न हो
अतिथि
जो विशेष ज्ञान रखता हो
विशेषज्ञ
सौ वर्ष का समय
शताब्दी
जिस पर विश्वास किया जा सके
विश्वसनीय
जो मनुष्यता से दूर हो
अमानुषिक
जिसका कोई आधार न हो
निराधार
जिसका दमन न किया जा सके
अदम्य
जिसका कोई वारिस न हो
लावारिस
जिसे कहा न जा सके
अकथनीय
नींद करने योग्य
निंदनीय
अपने ऊपर निर्भर रहने वाला
आत्मनिर्भर
जिसकी कोई उपमा न हो
अनुपम
अचानक होने वाला
आकस्मिक
जिसका कोई अंत न हो
अनंत
जिसकी कोई सीमा न हो
असीमित
दूसरे स्थान पर जाना
स्थानान्तरण 
जिसमें कोई संदेह न हो
निसंदेह
उसी काल मे होने वाला
तत्कालीन
जो लोगों में प्रिय हो
लोकप्रिय
अनुकरण करने योग्य
अनुकरणीय
चार रास्तों का संगम स्थल
चौराहा
मिटटी के बर्तन बनाने वाला
कुम्हार
पर्वत पर रहने वाला 
पर्वतीय
जो पृथ्वी से संबंधित हो
पार्थिव
जो पहरा देता हो
प्रहरी
जो दूसरों के अधीन हों
पराधीन
जो भाग्य का धनी हो
भाग्यवान
जो अपने देश को छोड़ दूसरे देश रहता हो
प्रवासी
जो प्रशंसा के योग्य हो
प्रशंसनीय
जो प्रिय बोलत हो
प्रियवादी
जो स्थिर रहता हो
युधिष्ठिर
जो क्रम के अनुसार हो
यथाक्रम
जो रथ पर सवार हो
रथी
जो राजनीति जानता हों
राजनीतिज्ञ
जो सबका प्यार हो
सर्वप्रिय
जो स्मरण करने योग्य हो
स्मरणीय
जो दूसरों की हत्या करता हो
हत्यारा
जो स्वयं ही हत्या करे
आत्महत्या
जिसके हृदय में ममता न हो
निर्मम
जिसके चार पद हों
चतुष्पद
जिसके डॉ पद हों
दोहे
जिसका उदर लंबा हो
लंबोदर
जिसका जन्म न हुआ हो
अजन्मा
जो छिपाने योग्य हो
गोपनीय
जो तर्क योग्य हो
तार्किक
जो भूमि उपजाऊ हो
उर्वर
जो इस लोक का न हो
अलौकिक
जो पूरा न हो
अपूर्ण
जो छूने योग्य न हो
अछूता
 जो बीत गया हो
अतीत
जो मन को हर ले
मनोहर
जो धर्म का आचरण करता हो
धर्मात्मा
जो कभी नष्ट न हो
नश्वर 
जिसे मापा न जा सके
अपरिमेय
जो स्त्री अभिनय करे
अभिनेत्री
जो शत्रु की हत्या करे
शत्रुघ
जो पीने योग्य हो
पेय
जो हों सकता हो
संभव
जो कानून के अनुसार हो
वैद्य
जो पढ़ा न हो
अपठित
जो वन में घूमता हो
वनचर
जो अभी अभी पैदा हुआ हो
नवजात
जो आँखों के सामने न हों
अप्रत्यक्ष
जो स्वयं पैदा हुआ हो
स्वयंभू
जो उच्च कुल में पैदा हुआ हों
कुलीन
जो पुत्र गोद लिया गया हो
दत्तक
जो पढ़ा लिखा न हो
अनपढ़
छूत से फैलने वाला लोग
संक्रामक
जो छोटे कद का हो
बोना
छात्रों के रहने का स्थान
छात्रावास
गिर हुआ
पतित
किसी प्राणी को न मारना
अहिंसा




मनुष्यता - मैथिलीशरण गुप्त

    मनुष्यता                                               -  मैथिलीशरण गुप्त  विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी¸ मरो परन्तु यों मरो...