Saturday, November 2, 2019

emotions

जिंदगी उसूलों से नहीं बल्कि अपनो से हो, 
तो स्वादिष्ट और चटपटी लगती है....
         डॉ पूजा अलापुरिया।

1 comment:

मनुष्यता - मैथिलीशरण गुप्त

    मनुष्यता                                               -  मैथिलीशरण गुप्त  विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी¸ मरो परन्तु यों मरो...