Tuesday, November 5, 2019

emotions






वक्त अपनो को अजनबी बना रहा है 
वक्त अपनो को अजनबी बना रहा है 
फेसबुक और वाॅटस्अप पर भेज हाय - हेलो 
बड़े मजे से रिश्ता निभा रहा है...।

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मनुष्यता - मैथिलीशरण गुप्त

    मनुष्यता                                               -  मैथिलीशरण गुप्त  विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी¸ मरो परन्तु यों मरो...