पिछले कई महीनों से सलोनी के बैंक के कई काम रुके पड़े थे I अक्सर बैंक जाने की सोचती मगर कुछ न कुछ काम निकल आता और ....I ऑफिस की आज छुट्टी थी तो सोचा यही काम निपटा लिया जाए I वैसे भी बैंक के सभी काम अनमोल ही सँभालते है I घर का फटाफट काम निपटा सलोनी बैंक पहुँची I बैंक में काफी भीड़-भाड थी I सलोनी भीड़ देख समझ गई आराम से एक-डेढ़ घंटा तो लग ही जाएगा I कोई बात नहीं बेटा अब आ गए है तो काम निपटा कर ही जाऊँगी I एक लाइन में कुछ लोग ही खड़े थे I सलोनी ने सोचा पहले यही किया जाए, तब तक बाकी लाइन में भीड़ कम हो जाएगी I सलोनी भी लाइन में लग गई I सलोनी इंतजार कर रही थी अपना नंबर आने के लिए I तभी एक अधेड़ चुलबुली प्रवृति वाली महिला सलोनी के आगे आ कर खड़ी हो गई I सलोनी कुछ कहती, मगर उसके मन ने कहा कोई बात नहीं I उम्र में काफी बड़ी हैं जाने दो I अगर पाँच मिनट ज्यादा लग भी गए तो क्या ? हो सकता है पहले से ही इस लाइन में हो I शायद कुछ अधूरा रह गया होगा और अपने आगे खड़े आदमी से बोलकर गई हों I खैर ...I
महिला हाथ में सभी कागजात लिए खड़ी
थी I हाथों में एक मूवमेंट सी चल रही थी I जिसप्रकार बच्चों में अपने पसंद की चीज पाने की ललक और
उतावलापन होता है, वैसे ही वह भी कुछ उतावलापन लिए हुए थी I
सलोनी ने उनसे बात करना शुरू कर
दिया I शायद बातों की तारतम्यता में उनका उतवलापण कुछ कम हो जाए I काकी आपको फॉर्म
भरना है ? लगता है काफी देर से परेशान हैं इस फॉर्म को लेकर I
हाँ, बेटा फॉर्म तो भरना है I कब
से चक्कर लगा रही हूँ कभी इस लाइन में तो कभी उस लाइन में I कभी ये काउंटर पर तो
कभी वो काउंटर ... I
कैसा फॉर्म है जो आपको इतना दौड़ा रहे हैं ये लोग ?
क्या बताऊँ बेटा I बस पूछो मत I “जीवन
प्रमाण पत्र” का फार्म भरना है I
जीवन प्रमाण पत्र ? यह किस लिए होता है ?
सभी पेंशनभोगियों को साल में एक
बार जीवन प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता है I और यह हर साल अक्टूबर – नवम्बर में ही होता
है I बेटा इसके लिए कितनी लम्बी-लम्बी लाइन लगती है I किस्मत अच्छी हुई तो एक बार
में ही काम हो जाता है I नहीं तो कभी सॉफ्टवेयर का झंझट तो कभी इन्टरनेट का I बड़ी
मुसीबत है I जीने और खाने के लिए पैसा तो चाहिए I ये बुढ़ापे का शरीर और ये ....I
अगर यह फॉर्म न भरा जाए तो ?
अगर यह फॉर्म नहीं भरा जाएगा तो
पेंशन रोक दी जाती है I तब तो इससे भी ज्यादा भाग-दौड़ बढ़ जाती है I
वह कैसे ?
नेक्स्ट ?
( सलोनी के आगे खड़ी महिला काउंटर पर फॉर्म आगे बढ़ाते हुए ) बेटा ये लो I
नाम बताओ ?
फॉर्म में लिखा है न I ( कुछ मसखरी भरे अंदाज में )
काकी मुझे पता है फॉर्म में नाम है I नाम बताओ I
(मुस्कुराते हुए ) मीनाक्षी I
पासबुक लाइ हो ?
हाँ ! (पासबुक आगे बढ़ाते हुए ) ये लो I
वेरीफाई नहीं करवाया फॉर्म ?
पिछली बार तो पहचान के डॉक्टर ने वेरीफाई कर दिया था I
इसबार भी उन्हीं से करवा लेती I
मैं गई थी मगर डॉक्टर चिल्ला रहा
था I मैं क्यों सिग्नेचर करूं I किसी और के पास जाओ I अब बेटा मैं कहाँ – कहाँ
धक्के खाऊं? हर महीने तो पेंशन आती ही है, तो वेरीफाई की क्या जरूरत ?
जरूरत होती है इसलिए ही कहा जाता
है I बिना वजह तंग करना हमारा काम नहीं हैI
नौकरी करती हो ?
मैं ?
हाँ आपसे ही पूछ रहा हूँ I
नहीं I (एक विषण्ण मुस्कान में)
पेंशन खाता है ?
हाँ !
नौकरी करती थी ?
नहीं !
फिर ये पेंशन ?
पति गवर्मेंट जॉब में थे I
अच्छा I फॅमिली पेंशन है I
हाँ, फॅमिली पेंशन है I
बच्चे ?
चार बच्चे है I
(पीछे मुडकर ) कितने सवाल कर रहा है ?
जाने दो काकी I उनका काम है I
फॉर्म बराबर भरा है क्या ? कुछ बाकि तो नहीं I सुबह से चक्कर लगा रही हूँ I
कभी एक नं. काउंटर तो कभी ....I
शादी की क्या ?
(बड़ी जोरदार हँसी का फब्बारा छोड़ते हुए ) अभी तो कहा पति गवर्मेंट जॉब में थे
I तभी तो पेंशन मिल रही है I कैसी बात करते हो ? पूछने से पहले....I
शादी की क्या ? ( बैंक कर्मचारी फिर से सवाल दोहराता है )
अभी तो बताया I
मेरा मतलब है आपने दूसरी शादी की क्या ?
तोबा-तोबा ! कैसी बात करते हो बेटा I पूरी जिंदगी बीत गई I अब इस बुढ़ापे में
दूसरी शादी करूँगी I
हाँ या ना ...I
नहीं की I
उस महिला और बैंक कर्मचारी की
वार्तालाप लाइन में खड़े सभी सुन रहे थे I कोई कर भी क्या सकता था I
( शर्म से पानी-पानी हुई महिला सलोनी से कहती है ) कुछ भी पूछता है I अच्छा
हुआ बच्चे नहीं आए I सुनते तो पता नहीं क्या बबाल होता ...I
काकी जाने दो उनका काम है I शायद
कुछ फोरमल्टी होती होंगी बैंक की I इसलिए ...I
(बैंक कर्मचारी एक फाइल आगे बढाता हुआ ) यहाँ सिग्नेचर करो I डेट और मोबाइल
नंबर भी लिखना I
अधेड़ मिनाक्षी फाइल हाथ में
सँभालते हुए कहती है, “पेन है क्या ?”
ये लो काकी I (सलोनी पेन आगे बढाती है )
महिला साइन कर फाइल आगे बढ़ाती है
I
डेट और मोबाइल नंबर भी लिखना है I (कुछ रूखे स्वर में )
कहाँ लिखना है डेट और मोबाइल ? (महिला
सलोनी से पूछती है )
काकी साइन के नीचे डेट लिख दो और बॉक्स के साइड में मोबाइल नंबर I
मीनाक्षी
फाइल वापस करती उससे पहले ही बैंक कर्मचारी बोला, “ तुमने साइन क्यों किए ? बैंक
रिकॉर्ड में तो अंगूठा है ? तुम्हारा ही अकाउंट है या किसी और का ?”
मीनाक्षी कुछ गंभीर स्वर में
बोली, “ अकाउंट मेरा ही है I मैं कभी अंगूठा नहीं लगती I पढ़ी-लिखी हूँ I साइन करना
जानती हूँ I रिकॉर्ड बराबर चेक करो I मीनाक्षी साठे I लगता है आप किसी और मीनाक्षी
से टेली कर रहे हैं I”
मीनाक्षी साठे ! पूरा पेज मीनाक्षी का है I गलती से ‘मीनाक्षी काटकर’ का
रिकॉर्ड देख लिया I सॉरी
I
लगभग दो मिनट बाद काकी का काम हो
गया I सलोनी भी सोच रही थी छोटी लाइन सोच कर इस लाइन में लगी थी I मगर कितना वक्त
लग गया I चलो जो हुआ I काकी ने अपने सभी पेपर और पासबुक वगैरह समेटी और चलते-चलते
बैंक कर्मचारी को कहा, “शादी में जरूर आना !”
वह सुन नहीं पाया I
( बड़े ही मजाकिया और रंगीन मिज़ाज
में मीनाक्षी कहती है ) बेटा आपसे कह रही हूँ शादी में जरूर आना I
जाते-जाते सलोनी के कान में फूंक
मार ही दी, “शादी में जरूर आना I”
काकी की बात सुन लाइन में खड़े सभी लोग
खिलखिला उठे I
Nice 👍
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