Saturday, December 21, 2019

christmas essay


क्रिसमस पर निबंध
 जिसप्रकार भारत में होली, दिवाली, रक्षाबंधन, ईद, गुडीपाडवा आदि त्योहार मनाए जाते हैं, उसी प्रकार क्रिसमस भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है I क्रिसमस ईसाईयों का सबसे बड़ा एवं ख़ुशी का त्योहार है I बच्चे–बड़ों सभी को क्रिसमस का बेसब्री से इंतजार रहता है I ईसाई समुदाय प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस बड़े ही धूमधाम, उत्साह और उल्लास से मनाते हैं I 25 दिसंबर को अर्धरात्रि 12 बजे जीजस क्राइस्ट अर्थात प्रभु ईसा मसीह का जन्म बेथलेहम शहर की एक गौशाला में हुआ था I जीजस को ईश्वर का इकलौता पुत्र माना जाता है I 

जीजस को यीशु, जीजस क्राइस्ट, प्रभु, ईसा आदि नामों से भी जाना जाता है I लोगों की धारणा है कि मानवजाति की रक्षा के लिए ही प्रभु ईसा को धरती पर भेजा गया था I प्रभु ईसा ने समाज को प्रेम, आपसी भाईचारे और मनुष्यता की शिक्षा दी I प्रभु का कहना था कि दीन-दुखियों की सेवा संसार का सबसे बड़ा धर्म है I उस समय के शासक को प्रभु द्वारा दिए जाने वाले संदेश कतई पसंद नहीं थे I प्रभु के विचारों और संदेशों के प्रति लोगों की बढ़ती भावनाओं के कारण उन्हें (जीजस को) सूली पर लटका दिया गया, मगर ऐसी मान्यता है कि प्रभु ईसा फिर से जी उठे थे I प्रभु किसी भी प्रकार के ऊँच-नीच के भेदभाव को नहीं माना करते थे I इसी कारण लोगों में उनके प्रति आस्था और विश्वास की डोर और भी मजबूत हो गई I प्रभु ईसा के चमत्कार और उपदेशों की गाथाएँ बाइबिल में मौजूद है I यीशु ने कहा था कि सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान है इसलिए किसी को पीड़ा न दो I प्रभु ने दूसरों के दुःख दर्द ग्रहण कर उन्हें सुखी बनाया I दुनिया के सभी पाप अपने ऊपर ले लिये और लोगों में पुण्य बाँट दिया I जिन्हें प्रभु के संदेश और विचार पसंद आए वे प्रभु के शिष्य बन गए और वहीँ दूसरी ओर जो लोग इनसे ईर्ष्या करते थे वे अज्ञानी और अहंकारी बन कर ही रह गए I




     क्रिसमस के पावन अवसर पर इसाई समुदाय लगभग पंद्रह – बीस दिन पहले से तैयारियों में जुट जाते हैं I घरों की साफ-सफाई करना, नए परिधान खरीदना, विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार करना, मिठाइयाँ और केक बनाना, दोस्तों और परिवारजनों के लिए आकर्षक उपहार खरीदना, चर्च एवं घरों को भलीभांति सजाना आदि I क्रिसमस के एक–दो पहले घरों में लाइट, स्टार्स, क्रिसमस ट्री को सजाना तथा क्रिप बनाना आदि गतिविधियाँ आरम्भ हो जाती हैं I क्रिसमस के अवसर पर स्कूल, कॉलेज आदि में लगभग 8-10 दिनों का अवकाश रहता है I यदि ऑफिस और संस्थानों में इस दिन अवकाश नहीं होता, तो वहाँ भी क्रिसमस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है I आज कोई भी त्योहर किसी वर्ग या समुदाय तक सीमित नहीं रह गया है I वर्तमान पीढ़ी हर त्योहार पूरे जोश और हर्ष के साथ मनाना पसंद करती है I क्रिसमस में सीक्रेट सांता को उपहार देना और किसी के सीक्रेट सांता बन उपहार लेने का अपना ही मजा होता है I सीक्रेट सांता आज प्रचलन में है I क्रिस्चियन स्कूल, कॉलेज, ऑफिस आदि में सीक्रेट सांता पहले से ही तय कर लिये जाते है और जिस दिन क्रिसमस कार्यक्रम होता है, उस दिन सभी सीक्रेट सांता एक-दूसरे से अपना उपहार बदलते हैं I
     इसाई धर्म के लोग क्रिसमस के दिन चर्च जाते हैं और हाथों में मोमबत्तियां लेकर चर्च में लोगों द्वारा विशेष प्रार्थनाएँ की जाती हैं I कई स्थानों पर इस दिन सड़कों पर जुलूस निकाला जाता है I 
      इस जुलूस में प्रभु ईसा मसीह के जीवन पर आधारित झाँकियाँ प्रस्तुत की जाती है  तथा प्रभु के भजन गाते हुए लोग प्रभु के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हुए दिखाई देते हैं क्रिसमस से पूर्व रात्रि को चर्च में रात्रिकालीन सभाओं का भी आयोजन किया जाता है और ये सभाएँ रात्रि बारह बजे तक चलती हैं I जैसे ही बारह बजते हैं सभी लोग जीजस के जन्म की ख़ुशी के उपलक्ष्य अपने प्रियजनों को गले लगा अथवा हाथ मिलकर क्रिसमस की ढेरों बधाई देते हैं I इस दिन मध्यरात्रि को सांताक्लोज की वेशभूषा में व्यक्ति चॉकलेट और गिफ्ट बांटकर बच्चों की खुशियों को दोगुना बढ़ा देता है I बच्चे गिफ्ट और चॉकलेट पाकर आनंदित हो उठते हैं I 25 दिसंबर की सुबह भी चर्च में प्रभू की विशेष प्रार्थनाएँ की जाती है Iइसाई समुदाय के लोग प्रभु से दुआ करते हैं तथा अपनी सभी गलतियों के लिए माफ़ी मांगते हैंI
     इस दिन लोग रात्रि भोज का आनंद लेते हैं I इस भोजन को ईसा के भोज के नाम से भी पुकारा जाता है I सभी अपनी ख़ुशी को अपने अंदाज में मानाने का प्रयास करते हैं कोई नृत्य कर, तो कोई गा-बजाकर, तो कोई मजेदार क्रियाकलापों का आयोजन कर I सभी का अनूठा अंदाज होता है I क्रिसमस को मनाने के लिए उम्र मायने नहीं रखती बल्कि भावनाएँ जरुरी है I लोग एक-दूसरे के खेल घर जाकर आपस में बधाई देते हैं तथा गिफ्ट, केक आदि बांटकर खुशियाँ मनाते हैं I
    
व्यापार और बाजारों की चकाचौंध की दृष्टि से भी यह त्योहार उतना ही खास हैI छोटे–बड़े सभी व्यापारियों के लिए यह अत्यधिक मुनाफे का त्योहार है I बीस  से पच्चीस  दिनों की खरीद और बिक्री में व्यापारी मन चाहा लाभ प्राप्त कर लेते हैं I 
  इसतरह क्रिसमस का त्योहार सिर्फ भारत देश में ही अपितु पूरे विश्वभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है I
    
-    डॉ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया






क्रिसमस

     अनेकता में एकता का संदेश देने वाले महान देश भारत में अनेक प्रकार के त्योहार मनाए जाते है I पहनावे में अंतर, रहन-सहन में अंतर, त्योहारों की तैयारियों में भी अंतर आदि की विविधता की सुन्दरता ही मन को आकर्षित करती है I यदि त्योहारों की बात की जाए तो भारत ही क्या दूसरे देशों में भी त्योहारों का अत्यधिक महत्त्व है I त्योहारों का उत्साह ही कुछ अलग प्रकार का होता है I त्योहार अपने संग मस्ती, उमंग और एकता का संदेश लाते हैं I यूँ त्योहारों की ही बात करें तो विश्वभर में मनाए जाने वाला त्योहार ‘क्रिसमस’ की अपनी विशेषता है I
    
क्रिसमस ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है  यह त्योहार हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है  इतिहास का यह वाही दिन है जब लगभग 2000 वर्ष पूर्व ईसा मसही का जन्म हुआ था  इन्हें ईसाई धर्म का जन्मदाता माना जाता है I उन्होंने मानव समुदाय को प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया था I
     क्रिसमस का पर्व पूरी दुनिया में सभी धर्म के लोग बड़े उत्साह से मानते हैं I विश्व के जिन देशों में ईसाई धर्मानुयायी रहते हैं, वे इस त्योहार को बहुत उत्साह से मानते हैं I वे इस दिन चर्च जाते हैं तथा विशेष प्रार्थना करते हैं I 

वे अपने प्यारे यीशु को याद करते हैं जिन्हें सूली पर लटका दिया गया था परन्तु ऐसी मान्यता है कि यीशु फिर से जी उठे थे I यह सचमुच एक बड़ा चमत्कार था I इस चमत्कार के पीछे जनकल्याण की भावना थी I इस भावना के पीछे दुखी मानव को शांति और सुख पहुँचाना था I क्रिसमस की तैयारी ईसाई समाज के लोग 10-15 दिन पहले ही करने लगते हैं I घर की साफ-सफाई की जाती है, नए कपडे ख़रीदे जाते है और विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ बनाई  जाती है I चर्च को विशेष तौर से सजाया जाता है और विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जोकि नए साल तक चलते हैं I ईसा मसीह के जन्म पर आधारित नाट्य का आयोजन किया जाता है I ‘कैरोल’ अर्थात जीजस के जन्म से जुड़े अनेक प्रकार के गाने गए जाते हैं I
     बिना केक के क्रिसमस तो अधुरा ही लगता है I क्रिसमस के उपलक्ष्य में जाता है I क्रिसमस में चार-चाँद लगाने का काम क्रिसमस ट्री करता है I जिसे बच्चे और बड़े सभी सजाना और देखना पसंद करते हैं I मान्यता अनुसर सांताक्लाज अपनी सवारी के संग ‘जिंगल बेल्स’ गाते हुए आते हैं और बच्चों के लिए उपहार छोड़ जाते हैं I यह रहस्य किसी को नहीं पता परन्तु यह मान्यता आज भी लोगों के मनों में विद्यमान है कि रात 12 बजे क्रिसमस शुरू हो जाता है I सभी अपने रिश्तेदारों को क्रिसमस के उपहर देते हैं और मैरी क्रिसमस कहते हैं I विद्यालयों में बच्चों को क्रिसमस के पर्व पर आठ-दस दिनों की छुट्टी भी मिलती है I
     इस तरह क्रिसमस का त्योहार लोगों को सबके साथ मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है I ईसा मसीह कहते थे – ‘दीन  दुखियों की सेवा ही संसार का सबसे बड़ा धर्म है I इसलिए जितना हो सके, दूसरों की मदद करो I’ क्रिसमस के अवसर पर लोगों को ईसा मसीह के उपदेशों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए I

- मोनिका शर्मा







आओ मनाए क्रिसमस 


याद रखलो तारीख भईया
25 दिसंबर आ गया,
बच्चों को देने उपहार 
संतक्लोज है आ गया I

संतक्लोज है आ गया,
अपने संग अह खुशियाँ लाया,
केक बनाओ, घर सजाओ
'मेरी क्रिसमस' आ गया I 

'मेरी क्रिसमस' आ गया 
बहनों भाईयों हो जाओ तैयार 
जीजस क्राइस्ट को याद करके 
खुशियां बांटो देकर उपहार I

     जी हाँ, हम बात कर रहे हैं सभी बच्चों के मनपसंद त्योहार के विषय में और वह है 'क्रिसमस' का त्योहार I 
      सही मायने में भारत 'त्योहारों का देश कहलाता है I मकर संक्रांति से त्योहारों की लहर शुरू होती है और होली, नवरात्री, दिवाली आदि से होकर क्रिसमस पर थमती है I 
       क्रिसमस का त्योहार प्रभु ईसा के जन्मदिन के सम्मान में 25 दिसंबर को मनाया जाता है I ईसाईयों के लिए यह एक महत्वपूर्ण त्योहार होता है I इस दिन लोग क्रिस्त्मस ट्री को एक नई दुल्हन की तरह सजाते हैं I 
       जिसप्रकार मकर संक्रांती में तिलगुड, जन्माष्टमीमें दही और मक्खन, दिवाली में करंजी और लड्डू, ईद में शीरखुरमा से मुँह मीठा कराया जाता है ठीक उसी प्रकार क्रिसमस में प्रत्येक घर में केक बनाकर उसे काटकर एवं एक-दूसरे का मुँह मीठा कर क्रिसमस की बधाई देते हैं I प्रभु यीशु सभी को एकता एवं भाईचारे का संदेश देते थे I किन्तु कुछ लोगों को इनका यह नेक कार्य पसंद न था I और क्रोध में आकर उन्होंने प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा दिया परन्तु ईएसआई मान्यता है कि प्रभु मृत्यु की खाई से पुन: जी उठे थे I 
      प्रभु यीशु को ईश्वर का सबसे प्रिय पुत्र खा गया है और उनका स्मरण कर सब यह क्रिसमस का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाते हैं I अनेक लोग संतक्लोज बनकर बच्चों को उपहार देते हैं एवं चॉकलेट बांटते हैं I ऐसा कहा जाता है कि संतक्लोज सिर्फ अच्छे और सच्चे बच्चों को ही उपहार देते हैं और इस लालच में आकर बच्चे बुरा कार्य छोड़कर अच्छाई और सच्चाई का मार्ग चुनते हैं I  
  
     क्रिसमस के त्योहार पर सभी विद्यालयों, कॉलेज एवं दफ्तरों में 8-10 दिनों का अवकाश दिया जाता है I क्रिसमस की तैयारी एक हफ्दोते पूर्व ही आरम्भ हो जाती है और इस तैयारी में शहजादी सा सजा क्रिसमस ट्री सोने पर सुहागा लगता है I यदि क्रिसमस पर्व पर  विभिन्न जाति, भाषा और धर्म के लोग एकजुट होकर भाईचारे के साथ यह त्योहार मनाते है तो मैं यह चाहूंगी कि प्रत्येक दिन क्रिसमस के रूप में ही बनाया जाए ताकि हमारे देश में असमानता, जातिवाद एवं क्षेत्रवाद जैसी समस्याएँ कभी जन्म न ले पाएँगी I 

                    - द्रष्टि भानुशाली


क्रिसमस पर कविता 

त्यौहार की लंबी कतार में 
रहस्यमय और प्यारा सा वो कौन ?
क्या भाई पेहचाना नहीं ?
क्रिसमस के आलावा और कौन ? 

सांता आया सांता आया 
संग अपने उपहार लाया 
कहाँ से आते ,जाते कहाँ ये 
कोई  बतलाए जाए कैसे ?

प्रभु इशु का दिल 
सागर सा विशाल 
मानो धरती पर उतरे हो 
भाईचारा और प्यार .

चॉकलेट ,टॉफी बच्चों की पसंद   खुशियाँ बांटे और आनंद ही आनंद 
इस त्यौहार की शोभा बढ़ाता 
क्रिसमस का पेड़ पीछे कैसे हटता ?

आया देखो २५ दिसंबर
 झूम उठे धरती और अंबर !!

वैष्णवी पोकळे .


Article on Christmas

ईसाईयों के लिये क्रिसमस एक महत्वपूर्ण त्यौहार है हालाँकि ये संपूर्ण विश्व में दूसरे धर्मों के लोगो द्वारा भी मनाया जाता है . यह उत्सव साल के बड़े पर्वो में से एक है . क्रिसमस एक बहुत प्राचीन उत्सव है जिसे शीत ऋतू में मनाया जाता है .
मैंने  इस त्यौहार को 'रहस्यमय त्यौहार 'कहा ,क्योंकि इस उत्साही दिवस अर्थात क्रिसमस डे की कल्पना करते ही अपने मन में सांता घर बसा लेते है .न जाने सांता कैसे सभी को उपहार देकर उनका दिल जीत पाते है .न जाने कहाँ से आते है फिर कहाँ चले जाते है किसी को कोई खबर नहीं . इसीलिए तो यह रहस्यमय लगता है

प्रभु इशु की महानता मेरे इन लफ्जों में  समा पाए इतनी संक्षिप्त नहीं है . उन्होंने समाज को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी दुनिया के लोगो को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का  संदेश दिया था .इन्हे ईश्वर का इकलौता पुत्र यूँ ही नहीं मन जाता . पर इनकी अच्छाई लोग देख नहीं पाए . उस समय के शासको को जीसस का संदेश पसंद नहीं आया . अतः उन्होंने जीसस को सूली पर लटका कर उन्हें मौत के मुँह में  डाल दिया परंतु ऐसी मान्यता है कि जीसस फिर से जी उठे थे . खुद भगवान भी इस बात का  इनकार नहीं कर सकते की सच्चाई और अच्छाई का अंत असंभव है .
इस उत्साहपूर्ण दिवस पर चर्च में विशेष होती प्रार्थनाये होती है .इस दिन लोग क्रिसमस के पेड़ को सजाते है . अपने दोस्त,रिश्तेदार और पड़ोसियों के साथ मिलजुलकर  खुशियाँ मानते है और उपहार बांटते है . क्रिसमस के पेड़ का अलंकरण इस त्यौहार का सौंदर्य और भी बढ़ा देता है .
छोटे से बच्चे से लेकर बड़ो तक ,सबका दिल जितने वाला त्यौहार है क्रिसमस !....

वैष्णवी पोकळे

7 comments:

  1. Conguations pooja beutyful happy Christmas

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  2. Aya thankyou for your comment but i couldn't understand
    " شركة تنظيف بالقطيف " such words

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  3. बहुत सुंदर निबंध डॉ पूजा ने लिखा है. सरल एवं सटीक शब्दों का प्रयोग किया है जिससे रोचकता बढ़ जाती है.

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    1. लेख की सरहना हेतु धन्यवाद। Merry Christmas and Happy New year।

      इसबार ब्लॉग पर क्रिसमस पर लिखे गए मेरे लेख के अतिरिक्त मेरी तीन छात्राओं के लेख भी प्रस्तुत है। उम्मीद है कि आपको अवश्य पसंद आए हांगे।

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  4. This comment has been removed by the author.

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