कोरोना को जल्द भगाना है
( कविता )
आया है भयंकर दौर
फैली है यह बीमारी
जकड़ में जिसके हैं पूरा विश्व कहलाए वो 'महामारी'
'कोरोना' है यह बीमारी
जिसने फैलाया है अपना जहर, चिंतित है पूरा विश्व
फैला है चारों ओर कहर।
पीड़ित है मानव जाति
संकट बहुत बड़ा आया है
बने हैं गुलाम आज फिर
रोगी मन और काया है ।
लड़ाई स्वतंत्रता की लड़ी थी जो स्वतंत्रता हुई थी हासिल सही एकजुट शक्ति का परिणाम था वह
अब भी डरकर होगा नहीं कुछ।
अपनी जान की बाजी लगा
लड़ रहे पुलिस, डॉक्टर और नर्स सभी का समर्थन और संयम चाहिए विश्व में
आएगा बदलाव यदि करें अभी ।
आओ सलामी दे उनको
जो हमारी सलामती के लिए कष्ट सहें
गुलामी नहीं, रक्षा की योजना है यह
कृपया कर अपने घर में ही रहे।
अस्वच्छता से नाता तोड़ो स्वच्छता के द्वार खोलो
' हाय ' ' हैलो ' नहीं,
हाथ जोड़ो और नम्र निवेदन से नमस्ते बोलो।
जूझ रही मानवता आज
चलो स्वतंत्र कल बनाएं लक्ष्मणरेखा ना लांग कर
' मोदी मंत्र ' अपनाए ।
विश्व को फिर से जगाना है कोरोना को जल्द से जल्द भगाना है
गाता हर नागरिक यही गाना है
' कोरोना ' को जल्द भगाना है।
मोनिका पवन शर्मा
नवी मुंबई।
Nice ma'am ����
ReplyDeleteAmazing❤️
ReplyDelete������
ReplyDeleteGood
ReplyDelete