विश्व कविता दिवस के उपलक्ष्य में मेरी नई कविता :
"अधूरी जिंदगी"
अधूरे किस्से,
अधूरी बातें,
अधूरे स्वप्न,
अधूरी रह जाती हैं,
हमारी तुम्हारी कहानी,
आधे अधूरे जीवन के
हर उस अधूरेपन को
आओ मिलकर फिर से
पूरा करने का प्रयास करें
लोक से हट
कुछ नव विचार कर लें
अधूरे किस्सों को,
आओ आज पूरा कर लें
जिंदगी की अधूरी
बातों के सिलसिले को
आज फिर हमारी तुम्हारी
बातों से लंबा कर लें
आधे अधूरे से
हमारे तुम्हारे सपनों को
आओगे गहरी नींद लें
पूरा कर लें
आओ इस अधूरी जिंदगी की
कहानी को विस्तार दें
पूरा कर लें।
-डॉ पूजा हेमकुमार अलापुरिया
Good one👍
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